छत्तीसगढ़ का विचार मंच
ये दुनिया इक आग का दरिया जीवन मल्हार की नौका है मुसीबत उठी जैसे आग की लपटे आत्मबल हमारी सेना है उठो जागो और चलो अपने पथ पर सत्य और विश्वास को किसने रोका है
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