माटी के रंग छत्तीसगढ़ का विचार मंच

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सोमवार, 15 अगस्त 2022

छत्तीसगढ़ीया माटी






 मय माटी घलो अब ,ढेल्ला होगेंव

छत्तीसगढ़ मा रहीके,अकेल्ला होगेंव

हमर गांव के सीधवा बबा ला

सुरता करथे  हमर चौरा मन

अऊ डोकरी दाई के चेंच भाजी ला

सुरता करथे हमर मितान मन

मय माटी घलो अब ,ढेल्ला होगेंव

छत्तीसगढ़ मा रहीके,अकेल्ला होगेंव


गांव के मितानी बिसर गे ,

लईकुशहा गांव मा

आमा के छयहा कहां मिलही

बंबूरी के ठांव मा । 

मय माटी घलो अब ,ढेल्ला होगेंव

छत्तीसगढ़ मा रहीके,अकेल्ला होगेंव


हमर गांव के मया अऊ रिश्ता नंदागे

कका काकी दाई बबा के  कहैया नंदागे

संझा अऊ बिहिनया के बैठय्या नंदागे

साग पान अऊ तेलफूल के मंगय्या नंदागे

मय माटी घलो अब ,ढेल्ला होगेंव

छत्तीसगढ़ मा रहीके,अकेल्ला होगेंव


जम्मो मनखे टीवी अऊ मोबाइल मा भुलागे

मोला सुरता आथे ,वो दिन हर

मौसम तो बदलते,फेर मनखे घलो बदल गे

शहर के संग गांव,अऊ गांव के छांव बदल गे 

मय माटी घलो अब ,ढेल्ला होगेंव

छत्तीसगढ़ मा रहीके,अकेल्ला होगेंव